रविवार, 18 नवंबर 2012

meri radha

मेरी राधा सिर्फ़ मेरी
मेरी धड़कने ,मेरी प्रेरणा
मेरे अधरों पर खिलते कमल तुम्हारी मुस्कराहट के
विधु सी चमकती मेरी आँखों मे
हो रही तरंगित मेरी साँसों मे
हो रही प्रवाहित मेरे रक्त प्रवाह मे
मेरी अर्धांगिनी ,तुम बिन मे पुर्ण नहीं
राधा तुम मेरी बासुरी\हो
सुनो हर धड़कन मेरी ,राधा ,राधा कहती है
मैं युगों -युगों तक तुमसे यू ही प्यार करूँगा
देखो खुद को तुम कृष्णमय हो गयी हो
तुम जन्म-जन्मांतर के लिए मेरी हो गयी हो
आओ आज कसम ये खाते है युगों तक
संग रहने की प्रीत निभाते है
आज से न मुझ बिन तुम ,न तुम बिन मै
प्रेम की हर हद पार कर जाते है
आओ एक आलौकिक जहाँ बसाते है
दूर कहीं इस जहान से आकाश गंगा बनाते है !!!!!!!!!!!!