गुरुवार, 21 अक्टूबर 2010

agnivarsha: asmita

agnivarsha: asmita: "आह! न अब मैं सती रही न अब वो गति रही , न अब वो अग्निहोत्र रही ! ये क्या कहती हो ? तुम तो सदियों से आग हो , आग ही रहोगी . पवित्रता भी तो सदैव..."

agnivarsha: asmita

agnivarsha: asmita: "आह! न अब मैं सती रही न अब वो गति रही , न अब वो अग्निहोत्र रही ! ये क्या कहती हो ? तुम तो सदियों से आग हो , आग ही रहोगी . पवित्रता भी तो सदैव..."

agnivarsha: asmita

agnivarsha: asmita: "आह! न अब मैं सती रही न अब वो गति रही , न अब वो अग्निहोत्र रही ! ये क्या कहती हो ? तुम तो सदियों से आग हो , आग ही रहोगी . पवित्रता भी तो सदैव..."

asmita

आह! न अब मैं सती रही न अब वो गति रही ,
न अब वो अग्निहोत्र रही !
ये क्या कहती हो ?
तुम तो सदियों से आग हो ,
आग ही रहोगी .
पवित्रता भी तो सदैव खाती कसम तुम्हारी .
तुम हो कितनी भोली
बस यूं ही निश्छल बहती रहती हो
तुम क्या जानो
मेरी अस्मिता पर कितने प्रश्नचिन्ह लगे है |
मेरी आन पर कितने संकट आन पड़ें है!facebook